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लोकतंत्र में सच जानने का अधिकार तलाशती ‘द ताशकंद फाइल्स’ / 14 अप्रैल 2019

 सिने विमर्श   लोकतंत्र में सच जानने का अधिकार तलाशती ‘द ताशकंद फाइल्स’      ·    विनोद नागर (फिल्म समीक्षक)  शीर्ष राजनेताओं की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले आये दिन लोगों में कौतुहल जगाते रहते हैं. भारत में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस और लालबहादुर शास्त्री से लेकर श्यामाप्रसाद मुख़र्जी और संजय गाँधी तक अनेक राज नेताओं की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मृत्यु से उठे अनुत्तरित सवाल लोक जिज्ञासा   का विषय बनते रहे हैं. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की गुमनाम मौत भले ही विवादों में घिरी हो पर नेहरूजी के अंतिम संस्कार की तस्वीरों में नेताजी के हमशक्ल जैसे दिखते शख्स की उपस्थिति को रेखांकित करती टिप्पणियाँ सोशल मीडिया पर आज भी खूब वायरल होती हैं. नेहरूजी के निधन के उन्नीस महीने बाद उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में भारतीय प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की अचानक मौत की खबर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. वे 1965 के भारत पाक युद्ध के बाद सोवियत संघ की पहल पर पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब से शांति वार्ता के लिये ताशकंद गए थे....