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पत्रकारिता में धार के ध्वजधर / 29 मई 2012

पत्रकारिता में धार के ध्वजधर * विनोद नागर      पिछले साल के आखिरी दिन धार में जिला पत्रकार संघ द्वारा आयोजित “शब्द समागम -2011” में सम्मिलित होने का अवसर मिला. इस गरिमामय समारोह में पहुंचकर बहुत अच्छा लगा. अपनी कलम की धार से देश-दुनिया में “धार” को धारदार बनानेवाले ध्वजधरों को सम्मानित कर धार जिला पत्रकार संघ ने अपनी गरिमा और प्रतिष्ठा को नया आयाम दिया है.         दरअसल, राजा भोज की ऐतिहासिक धारानगरी में मीडिया के असल ध्वजधर तो दिवंगत राजेन्द्र माथुर, कृष्णलाल शर्मा और अरविन्द काशिव से लेकर महेश पांडे, सुरेश तिवारी, सोनाने बन्धु, सुरेन्द्र व्यास, सुभाष जैन, रमण रावल, प्रकाश हिन्दुस्तानी, हेमंत पाल, ऋषि पांडे, प्रवीण शर्मा, जैसे प्रखर पत्रकार रहे हैं, जिनके प्रेरणादायक व्यक्तित्व-कृतित्व आज भी प्रासंगिक हैं. खुशी है कि इस गौरवशाली परंपरा को आगे जारी रखनेवालों की फेहरिस्त में छोटू शास्त्री, सचिन देव, हेमंत शर्मा, सुनील सचान, प्रेमविजय पाटिल, सुनील शर्मा आदि कई नाम जुड़ते जा रहे हैं.   निजी तौर पर धार का मेरे जीवन में विशेष महत्व रहा है. इसे दुर्लभ संयोग ही कहेंगे कि शासकीय सेवा

हिन्दुस्तानी सिनेमा का शानदार शतक / 4 मई 2012

हिन्दुस्तानी सिनेमा का शानदार शतक * विनोद नागर (फिल्म समीक्षक) भारत में सिनेमा के सौ साल पूरे होने के सिलसिले में एनडीटीवी पर प्राइम टाइम में जाने-माने फिल्म समीक्षकों/फिल्मकारों के साथ लाइव परिचर्चा में एक वरिष्ठ समीक्षक की उस टिपण्णी ने मन को झकझोर दिया जिसमे हालिया बहुचर्चित फिल्म ' विकी डोनर को भारतीय सिनेमा का भविष्य बताया गया..!   क्या वाकई विकी डोनर , कहानी या पानसिंह तोमर जैसी किफायती फिल्में साधन संपन्न भारतीय सिनेमा के आने वाले कल की दिशा निर्धारित करेंगी ?... या दर्शकों की नई पीढ़ी के बदलते रुझान की आहट है ये... ? बहरहाल विकी डोनर का एक डायलाग यहाँ बड़ा मौजू लग रहा है... ” नौटंकी तो हम इंडियन्स के जींस में है... ”| बिलकुल ठीक फ़रमाया..तभी तो सौ बरस से सिनेमा हमारे जीवन में मनोरंजन का रस घोलने वाले सरल साधन के रूप में रचा-बसा हुआ है पीढ़ी दर पीढ़ी... | किशोरावस्था में सिनेमा के प्रति अगाध लगाव ने ही नाचीज़ को   सत्तर के दशक में उज्जैन में दैनिक अवंतिका से फिल्म समीक्षक के रूप में एक पहचान दिलाई जो ब-रास्ता नईदुनिया , माधुरी , मायापुरी , रविवार , सरिता-मुक्ता आदि में